2016 में ठारखंड सरकार ने बहॠत जोरशोर के साथ गोडॠडा ज़िले में ठक पावरपॠलांट सॠथापित करने के लिठअदानी समूह के साथ समठौता किया था। ठारखंड जनाधिकार महासà¤à¤¾, जो कि 30 से अधिक संगठनों का ठक मंच है, के ठक दल ने हाल में ही इस परियोजना का तथॠयानॠवेषण किया। जांच में पता चला कि पिछले दो सालों में परियोजना की कई उपलबॠधियां हैं, जैसे - जबरन à¤à¥‚मि अधिगॠरहण, à¤à¥‚मि अधिगॠरहण कानून 2013 की पॠरकॠरियाओं का वॠयापक उलॠलंघन , किसानों की फसलों को बरॠबाद करना, संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ लाà¤à¥‹à¤‚ के बारे में लोगों से ठूठबोलना, पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों पर पॠलिस बरॠबरता, केस मॠकदमे करना तथा अनॠय हथकंडो से डराना।
कंपनी की सामाजिक पॠरà¤à¤¾à¤µ मूलॠयांकन रिपोरॠट के अनॠसार, थरॠमल पावर पॠलांट के लिठगोडॠडा जिले के दो पॠरखंडो के 10 गांवों में फैली हॠई 1364 ठकड़ à¤à¥‚मि को अधिगॠरहित किया जाना है। इस पॠलांट से 1600 मेगावॉट बिजली की उतॠपादन होगी। ठारखंड सरकार और कंपनी का दावा है कि यह ठक लोक परियोजना है, इससे रोजगार का सृजन और आरॠथिक विकास होगा तथा इस परियोजना में विसॠथापन की संखॠया ‘शूनॠय’ है। कॠल बिजली उतॠपादन का 25 पॠरतिशत ठारखंड को दिया जाठगा।
ज़मीनी वासॠतविकता इन दावों के विपरीत है। à¤à¥‚मि अधिगॠरहण कानून 2013 के अनॠसार, निजी परियोजनाओं के लिठà¤à¥‚मि अधिगॠरहण करने के लिठकम से कम 80 पॠरतिशत पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों की सहमति ठवं गॠराम सà¤à¤¾ की अनॠमति की आवशॠयकता है। लेकिन कॠषेतॠर के अधिकांश आदिवासी और कई गैर-आदिवासी परिवार शॠरॠआत से ही परियोजना का विरोध कर रहे हैं। 2016 और 2017 में, सामाजिक पॠरà¤à¤¾à¤µ मूलॠयांकन (SIA) और परॠयावरण पॠरà¤à¤¾à¤µ मूलॠयांकन (EIA) के लिठजनसॠनवाई आयोजित की गई थी। कई ज़मीन मालिक जो इस परियोजना के विरोध में थे उनॠहें अडानी के अधिकारीयों और सॠथानीय पॠरशासन ने जनसॠनवाई में à¤à¤¾à¤— लेने नहीं दिया। पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गॠरामीण दावा करते हैं कि गैर-पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कॠषेतॠरों के लोगों को सॠनवाई में बैठाया गया था। ठसी ही ठक बैठक के बाद जिसमें पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया था, गॠरामीणों और पॠलिस के बीच ठड़प हॠई थी और पॠलिस दॠवारा महिलाओं के साथ दॠरॠवॠयवहार ने उन पर पर लाठी चारॠज किया था।
कंपनी की सामाजिक पॠरà¤à¤¾à¤µ मूलॠयांकन रिपोरॠट में कई तथॠयातॠमक व वैधानिक तॠरॠटियां हैं जैसे पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गांवों में कोई तकनिकी रूप में कॠशल और शिकॠषित वॠयकॠति न होना, शूनॠय विसॠथापन, पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गांवों के सà¤à¥€ गॠरामीणों का धरॠम हिंदॠबताना आदि। बटाईदार खेतिहर पर होने वाले पॠरà¤à¤¾à¤µ का कोई ज़िकॠर नहीं है। न ही इसमें वैकलॠपिक ज़मीन की बात की गयी है । परियोजना से सृजित होने वाली नौकरियों की संखॠया रिपोरॠट में सॠपषॠट नही है। साथ ही, à¤à¥‚मि अधिगॠरहण के लिठसहमती की विडियो और ज़मीन मालिकों दॠवारा हसॠताकॠषरित सहमती पतॠर उपलबॠध नही हैं। यह गौर करने की बात है कि अधिनियम के अनॠसार पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों का हिसॠसा ज़मीन मालिक, मज़दूर व बटाईदार खेतिहर होते हैं.सरकार ने चार गांवों में लगà¤à¤— 500 ठकड़ à¤à¥‚मि अधिगॠरहित की है। इसमें से कम-से-कम 100 ठकड़ ज़मीन समॠबंधित 40 पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों की सहमती के बिना जबरन अधिगॠरहण किया गया है। कंपनी ने सॠथानीय पॠलिस के सहयोग से माली गाठव के मेनेजर हेमबॠरम सहित अनॠय पांच आदिवासी परिवारों की 15 ठकड़ जमीन में लगी फसलों, कई पेड़-पौधों, शॠमशान घाटो और तालाब को बरॠबाद कर दिया। मोतिया गांव के रामजीवन पासवान की à¤à¥‚मि को जबरन अधिगॠरहण करने के दौरान, अडानी कंपनी के अधिकारीयों ने उनॠहें धमकी दी कि, "ज़मीन नही दी तो जमीन में गाड़ देंगे†। पॠलिस ने अडानी के अधिकारीयों के खिलाफ उनकी शिकायत दरॠज करने से इंकार कर दिया।
जब माली के लोगों ने उनकी सहमति के बिना ज़बरदसॠती à¤à¥‚मि अधिगॠरहण के खिलाफ गोडॠडा के उपायॠकॠत से शिकायत की, तो उनॠहोंने कारवायी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी à¤à¥‚मि अधिगृहित कर ली गयी है, इसलिठउनॠहें मॠआवजा लेना चाहिठ। पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गांवों के लोग दावा करते हैं कि अगर सà¤à¥€ दस गांवों में जमीन अधिगॠरहित की जाती है तो 1000 से अधिक परिवार विसॠथापित हो जाठंगे। इससे उनके आजीविका और रोजगार पर गहरा पॠरà¤à¤¾à¤µ पड़ेगा। साथ ही, आदिवासी परिवारों के लिठज़मीन उनकी संसॠकृति, परंपरा और असॠतितॠवा से जॠड़ा है जिसे वे गवाना नहीं चाहते हैं. यह गौर करने की बात है कि संथाल परगना टेनेंसी अधिनियम की धारा 20 के अनॠसार किसी à¤à¥€ सरकारी या निजी परियोजना (कॠछ विशेष परियोजनाओं के अलावा) के लिठकृषि à¤à¥‚मि हसॠतांतरित या अधिगृहित नही की जा सकती है।
परॠयावरण पॠरà¤à¤¾à¤µ मूलॠयांकन रिपोरॠट के अनॠसार, हर वरॠष पॠलांट में 14-18 मिलियन टन कोयले का उपयोग किया जाठगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह आस-पास के वातावरण को गंà¤à¥€à¤° रूप से पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करेगा। पॠलांट में पॠरति वरॠष 36 MCM पानी की आवशॠयकता होगी, जिसे सॠथानीय चिर नदी से लिया जाठगा। यह वरॠषा आधारित नदी इस जल-आà¤à¤¾à¤µ कॠषेतॠर के लिठजीवनरेखा समान है।
पॠलांट से उतॠपादित बिजली बांगॠलादेश में आपूरॠति की जाठगी। हालांकि अडानी कंपनी को कॠल उतॠपादन का कम से कम 25 पॠरतिशत बिजली ठारखंड को उपलबॠध कराना है, लेकिन इसके समाजीक पॠरà¤à¤¾à¤µ मॠलॠयांकन रिपोरॠट में इस 25 पॠरतिशत के सॠरोत का सॠपषॠट रूप से उलॠलेख नहीं है। हाल के ठक नॠयूज़ रिपोरॠट ने यह खॠलासा किया है कि ठारखंड सरकार ने अडानी कंपनी से उचॠच दर पर बिजली खरीदने के लिठ2016 में अपनी ऊरॠजा नीति में बदलाव की थी। इस बदलाव के कारण सरकार से अडानी समूह को अगले 25 वरॠषो में सामानॠय à¤à¥ गतान के अलावा 7000 हजार करोड़ रॠका अतिरिकॠत à¤à¥ गतान à¤à¥€ मिल सकता है।
जांच से यह सॠपषॠट है कि इस पूरी परियोजना में अà¤à¥€ तक कई कानूनों का घोर उलंघन हॠआ है. इस परियोजना से सॠपषॠट है कि सरकार लोगों का शोषण व उनके संसाधनों का दोहन करके कॉरॠपोरेट घरानों के मॠनाफे को पॠराथमिकता दे रही है। यह आशॠचरॠय की बात नहीं है कि इस परियोजना के à¤à¥‚मि अधिगॠरहण से संबंधित अधिकांश दसॠतावेज जिला पॠरशासन की वेबसाइट पर उपलबॠध नहीं हैं, जैसा कि अधिनियम अंतरॠगत अनिवारॠय है। ठारखंड जनाधिकार महासाà¤à¤¾, सà¤à¥€ संगठनों और कारॠयकरॠताओं की ओर से निमॠन मांग करता हैं:
• अवैध तरीके से लगायी जा रही परियोजना को तॠरंत रोका जाठ, पॠलांट के लिठà¤à¥‚मि अधिगॠरहण को तॠरंत बंद किया जाय और अवैध तरीके से अधिगॠरहित की जा रही ज़मीन को वापिस किया जाठ.
• चॠकि इस परियोजना में कई कानूनों का उलंघन हॠआ है, इस परियोजना का नॠयायिक जांच करवाया जाठतथा लोगों के शोषण के लिठअडानी कंपनी और ज़िमॠमेदार पदाधिकारियों के विरॠदॠध कानूनी कारॠरवाई की जाà¤
सà¤à¥€ पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों को अà¤à¥€ तक हॠठफसलों और आजीविका के नॠकसान के लिठमॠआवजा दिया जाय
तथॠयानॠवेषण रिपोरॠट और महासाà¤à¤¾ का परिचय पतॠर संलगॠन है। समॠबंधित दसॠतावेज़ इस लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं - https://drive.google.com/open?id=11QS2oCRSXhQX6BQneAn6WjJVwBldeZl3 . पॠरà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परिवारों के बयान का विडियो महासà¤à¤¾ की youtube चैनल https://www.youtube.com/channel/UCqeFZJtRLHq4LBrE5l5FkJA?view_as=subscriber पर उपलबॠध है। अधिक जानकारी के लिठविवेक (8873341415), कॠमार चंद मारॠडी (9934165214), चिंतमनी साहू (8226961999) या सिराज (9939819763) से संपरॠक करे अथवा jharkhand.janadhikar.mahasabha@gmail।com पर लिखें।